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Home » हिन्दी » व्याकरण » विशेषण

विशेषण

Last Updated on December 18, 2020 By Mrs Shilpi Nagpal 2 Comments

Contents

  • 1 विशेषण का अर्थ हिन्दी व्याकरण में 
  • 2 विशेषण के भेद
    • 2.1 (1) गुणवाचक विशेषण
    • 2.2 (2) परिणामवाचक विशेषण
      • 2.2.1 1) निश्चित परिमाणवाचक
      • 2.2.2 2) अनिश्चित परिमाणवाचक
    • 2.3 (3) संख्यावाचक विशेषण
      • 2.3.1 (i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
      • 2.3.2 (ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
    • 2.4 (4) सार्वनामिक विशेषण
    • 2.5 (5) व्यक्तिवाचक विशेषण
    • 2.6 (6) प्रश्नवाचक विशेषण
    • 2.7 (7) तुलनाबोधक विशेषण
    • 2.8 (8) संबंधवाचक विशेषण

विशेषण का अर्थ हिन्दी व्याकरण में 

संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – छोटा, मोटा, पतला, बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, मीठा,कड़वा,एक, दो, कला, लाल, स्वच्छ, मेहनती आदि।

1) राधा बहुत सुन्दर लड़की है।
2) श्याम एक बहादुर लड़का है।
3) मेरी शर्ट लाल रंग की है।
4) मेरे पास एक बड़ी साइकिल है।
5) पाँच लड़के पार्क में खेल रहे हैं।
6) मेरी मम्मी बहुत स्वादिष्ट खाना बनती हैं।
7) आज बहुत गर्मी है।
8) संतरा बहुत खट्टा है।
9) सोहन एक आलसी लड़का है।
10) राधा की बहन बहुत चतुर है।
11) कौआ काला होता है।
12) कक्षा में कम बच्चे आए है।
13) वह लालची इंसान है।
14) नेहा एक शांत लड़की है।
15) उस कमरे में काफ़ी अंधेरा है।
16) मेरी पुस्तक में दस पाठ हैं।
17) यह रास्ता लम्बा है।
18) करेला कड़वा है।
19) राधिका बहुत सुन्दर है।
20) मैंने एक नई ड्रेस ली है।

विशेषण के भेद

(1) गुणवाचक विशेषण
(2) परिणामवाचक विशेषण
(3) संख्यावाचक विशेषण
(4) सार्वनामिक विशेषण
(5) व्यक्तिवाचक विशेषण
(6) प्रश्नवाचक विशेषण
(7) तुलनाबोधक विशेषण
(8) संबंधवाचक विशेषण


(1) गुणवाचक विशेषण

जो विशेषण हमें संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग आदि का बोध कराते हैं वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।

गुणवाचक विशेषण के कुछ रूपों के उदाहरण इस प्रकार हैं –

(1) गुणबोधक = सुंदर, बलवान, विद्वान्, भला, उचित,अच्छा, ईमानदार, सरल, विनम्र, बुद्धिमानी, सच्चा, दानी, न्यायी, सीधा , शान्त आदि।

(2) दोष बोधक = बुरा, लालची, दुष्ट, अनुचित, झूठा, क्रूर, कठोर, घमंडी, बेईमान, पापी आदि।

(3) रंगबोधक = लाल, पीला, सफेद,नीला, हरा, काला, बैंगनी, सुनहरा, चमकीला, धुंधला, फीका आदि।

(4) अवस्थाबोधक = लम्बा, पतला, अस्वस्थ,दुबला, मोटा, भारी, पिघला, गाढ़ा, गीला, सूखा, घना, गरीब, उद्यमी, पालतू, रोगी, स्वस्थ, कमजोर, हल्का, बूढ़ा, अमीर आदि।

(5) स्वादबोधक = खट्टा,मीठा, नमकीन, कडवा, तीखा, सुगंधित आदि।

(6) आकारबोधक = गोल, चौकोर, सुडौल, समान, पीला, सुंदर, नुकीला, लम्बा, चौड़ा, सीधा, तिरछा, बड़ा, छोटा, चपटा,ऊँचा, मोटा, पतला, पोला आदि।

(7) स्थानबोधक = उजाड़, चौरस, भीतरी, बाहरी, उपरी, सतही, पुरबी, पछियाँ, दायाँ, बायाँ, स्थानीय, देशीय, क्षेत्रीय, असमी, पंजाबी, अमेरिकी, भारतीय, विदेशी, ग्रामीण, जापानी आदि।

(8) कालबोधक = नया, पुराना, ताजा, भूत, वर्तमान, भविष्य, प्राचीन, अगला, पिछला, मौसमी, आगामी, टिकाऊ, नवीन, सायंकालीन, आधुनिक, वार्षिक, मासिक, अगला, पिछला, दोपहर, संध्या, सवेरा आदि।

(9) दिशाबोधक = निचला, उपरी, उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी, पश्चिमी आदि।

(10) स्पर्शबोधक = मुलायम, सख्त, ठंडा, गर्म, कोमल, खुरदरा आदि।

(11) भावबोधक = अच्छा, बुरा, कायर, वीर, डरपोक आदि।

उदहारण

1) दिल्ली में हमारा पुराना घर है।
2) राम एक अच्छा आदमी है।
3) मुझे लाल सेब बहुत पसंद हैं।
4) मटके का पानी बहुत ठंडा है।
5) उसने सफेद कमीज पहनी है।
6) बगीचे में सुंदर फूल हैं।
7) ममता एक बहुत बुद्धिमान लड़की है।
8) महेश के मामा बहुत मोटे हैं।
9) हमे कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
10) दवाई बहुत कड़वी है।

(2) परिणामवाचक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या नाप – तौल के परिणाम की विशेषता बताएं उसे परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।

परिमाणवाचक विशेषण के दो भेद होते है-

1) निश्चित परिमाणवाचक

2) अनिश्चित परिमाणवाचक

1) निश्चित परिमाणवाचक

जहाँ पर वस्तु की नाप तौल का निश्चित ज्ञान होता है उसे निश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे – पांच लिटर घी, दस किलो आलू, चार किलो चावल, एक लीटर पानी, दस किलोमीटर, एक एकड़ जमीन आदि।

2) अनिश्चित परिमाणवाचक

जहाँ पर वस्तु की नाप -तौल का निश्चित ज्ञान न हो उसे अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे :- थोडा पानी, कुछ आटा, मेले में बहुत आदमी है, बहुत दूध, थोडा धन, कुछ आम, थोडा नमकीन, बहुत चिड़िया, कुछ दाल, ढेर सारा पैसा, वहाँ कोई था, बहुत मिठाई, बहुत घी, थोड़ी चीनी आदि।

उदहारण

1) सोनू दस किलो फल लाया।
2) मीना बाज़ार से बीस पेंसिल लेकर आई।
3) बीमार को थोड़ा पानी पीला दो।
4) राजू ने तीन मीटर कपड़ा मंगवाया।
5) मुझे बस थोड़ा सा खाना चाहिए।
6) शादी में कम लोग आए थे।
7) पेड़ पर बहुत सारे पक्षी बैठे थे।
8) पांच किलो गेंहू ले आओ।
9) घर में चार लोग रहते है।
10) गिलास में बहुत कम दूध पड़ा है।

(3) संख्यावाचक विशेषण

जिन संज्ञा और सर्वनाम शब्दों से प्राणी, व्यक्ति, वस्तु की संख्या की विशेषता का पता चले उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे : एक,दो, द्वितीय, दुगुना, चौगुना, पाँचों, दस,अनेक, कई, चार, कुछ, सात, पाँच, तीन, बीस, तीसरा, तृतीय आदि।

संख्यावाचक विशेषण के भेद :-

(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण


(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण

जिन संज्ञा, सर्वनाम शब्दों से किसी प्राणी, व्यक्ति, वस्तु आदि की संख्या का निश्चित ज्ञान हो उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

निश्चित संख्यावाचक के छः भेद हैं-

पूर्णांक बोधक- जैसे-एक, दस, सौ, हजार, लाख आदि।

अपूर्णांक बोधक- जैसे-पौना, सवा, डेढ, ढाई आदि।

क्रमवाचक- जैसे-दूसरा, चौथा, ग्यारहवाँ, पचासवाँ आदि।

आवृत्तिवाचक- जैसे-दुगुना, तिगुना, दसगुना आदि।

समूहवाचक- जैसे-तीनों, पाँचों, आठों आदि।

प्रत्येक बोधक- जैसे-प्रति, प्रत्येक, हरेक, एक-एक आदि।

 

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

जिन शब्दों से संज्ञा और सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध न हो उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे :- सब, कुछ, कई, थोडा, सैंकड़ों, अनेक, चंद, अनगिनत, हजारों आदि।

उदहारण

1) मैंने दो किताबे पढ़ी है।
2) मेरी कक्षा में तीस छात्र हैं।
3) कल मेरे यहाँ पाँच मित्र आएँगे।
4) अभिषेक कक्षा में प्रथम आया।
5) कुछ लोग वहाँ पर हैं।
6) डाल पर दो चिड़ियाँ बैठी हैं।
7) क्या सब लोग आ गए
8) आसमान में अनगिनत तारे होते हैं
9) थोडा सा खाना ले आओ।
10) मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।

 

(4) सार्वनामिक विशेषण

जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्द से पहले आए तथा वह विशेषण शब्द की तरह संज्ञा की विशेषता बताये, उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

सार्वनामिक विशेषण के भेद :-

1. संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण : जब यह, वह, इस, उस आदि शब्द संज्ञा के शब्दों की विशेषता बताते हैं उसे संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

2. अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण : जहाँ पर कोई और कुछ जैसे शब्द अनिश्चयवाचक के रूप में आते हैं उसे अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

3. प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण : जहाँ पर कौन, क्या, किस, कैसे जैसे शब्दों के रूप में आते हैं उसे प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

4. संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण : जहाँ पर मेरा, हमारा, तेरा, तुम्हारा, इसका, उसका, जिसका, उनका जैसे शब्द के रूप में सर्वनाम संज्ञा शब्दों की विशेषता बताता है उसे संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

5. मौलिक सार्वनामिक विशेषण : जो शब्द अपने मूल रूप में संज्ञा के आगे लगकर संज्ञा की विशेषता बताते है उसे मौखिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

6. यौगिक सार्वनामिक विशेषण : जो मूल सर्वनामों में प्रत्यय लगाने से बनते हैं। सर्वनाम का रूपांतरित रूप जो संज्ञा की विशेषता बताता है उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

उदहारण

1) मेरी पुस्तक नई है।
2) उस कुर्सी को यहाँ रख दो।
3) घर में खाने को कुछ नहीं है।
4) यह साइकिल मेरी है।
5) वह लड़की ऑफिस जा रही है।
6) कौन आइस क्रीम खाएगा ?
7) क्या यह कलम तुम्हारी है।
8) इस कबूतर को पिंजरे से निकालो |
9) वह मोर बहुत सुन्दर है
10) तुम्हारा सूट सिल गया है।

(5) व्यक्तिवाचक विशेषण

जो शब्द विशेषण शब्दों की रचना करते हैं और व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते हैं उसेव्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं।

जैसे :- इलाहबाद से इलाहाबादी, जयपुर से जयपुरी, बनारस से बनारसी, लखनऊ से लखनवी आदि।

उदहारण

1) भरत जोधपुरी जूती पहनता हैं।
2) मुझे भारतीय खाना बहुत पसंद है।
3) हमारी दूकान पर जयपुरी मिठाइयां मिलती हैं।
4) इलाहाबादी अमरूद मीठे होते है।
5) बनारसी साड़ी मुझे सबसे ज्यादा पसंद है।
6) आपका यह लखनवी अंदाज़ मुझे अच्छा लगा।
7) जयपुरी रजाइयाँ बहुत गरम होती है
8) पंजाबी लोग खाने के शौकीन होते हैं
9) राजस्थानी नृत्य काफी लोकप्रिय है
10) लखनवी बिरयानी बहुत स्वादिष्ठ होती है

(6) प्रश्नवाचक विशेषण

जिन शब्दों की वजह से संज्ञा या सर्वनाम के बारे में जानने के लिए प्रश्न पूछे जाते हैं उसे प्रश्नवाचक विशेषण कहते हैं।

इस में क्या, कौन, किसे, किसको आदि शब्दों का प्रयोक होता है

1) मेरे जाने के बाद कौन यहाँ आया था ?
2) तुम कौन सी वस्तु के बारे में बात कर रहे हो?
3) वहाँ पर तुम्हें कौन मिला था
4) शिमला में तुम किस जगह पर रुके थे
5) तुमने आज खाने में क्या खाया है
6) तुमने घर पर आज किसको बुलाया है
7) आज कौन सा दिन है
8) तुम्हारे परिवार में से किसका जन्मदिन है
9) क्या आज बारिश होगी ?
10) क्या आपको हिन्दी भाषा आती है?

(7) तुलनाबोधक विशेषण

दो या दो से अधिक वस्तुओं या भावों के गुण, रूप, स्वभाव, स्थिति इत्यादि की परस्पर तुलना जिन विशेषणों के माध्यम से की जाती है, उन्हें तुलनाबोधक विशेषण कहते हैं ।

तुलना की तीन अवस्थाएँ होती हैं—

(1) मूलावस्था : जब किसी व्यक्ति के गुण, दोष बताने के लिए विशेषण का प्रयोग किया जाता है उसे मूलावस्था कहते हैं। यहाँ किन्हीं दो वस्तु या व्यक्ति आदि की तुलना नहीं की जाती है।

जैसे: अच्छा, बुरा, वीर, बहादुर, निडर, डरपोक आदि।

(2) उत्तरावस्था: जब दो व्यक्तियों या वस्तुओं के गुणों, दोषों की तुलना आपस में की जाती है तथा उसमें से एक को श्रेष्ठ माना जाता है उसे उत्तरावस्था कहते हैं।

जैसे: ज्यादा सुन्दर, अधिक बुद्धिमान, ज्यादा तेज़, बहुत चालाक आदि।

(3) उत्तमावस्था : जब दो से ज्यादा वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है एवं उनमे से किसी एक को ही सर्वश्रेठ बताया जाता है, तो उसे उत्तमावस्था कहा जाता है।

जैसे: विशालतम, सबसे सुन्दर, सबसे ज़्यादा आदि।

उदहारण

1) सीता मोहन से अधिक समझदार है।
2) राहुल एक अच्छा लड़का है।
3) डरपोक लोग जीवन में कुछ नहीं कर पाते
4) मीना के बाल रमा से अधिक लम्बे है।
5) मैं अपनी बहन से ज़्यादा बुद्धिमान हूँ
6) रघु मधु से बहुत चालाक है।
7) पंजाब में अधिकतम अन्न होता है।
8) तुम सबसे सुंदर हो।
9) कक्षा में वह सबसे अच्छी लड़की है।
10) सभी महासागरों में प्रशांत महासागर विशालतम है।

तुलना बोधक विशेषण के उदाहरण इस प्रकार है :-

मूलावस्था = उत्तरावस्था = उत्तमावस्था के उदाहरण इस प्रकार हैं :-

(1) अच्छी = अधिक अच्छी = सबसे अच्छी
(2) चतुर = अधिक चतुर = सबसे अधिक चतुर
(3) बुद्धिमान = अधिक बुद्धिमान = सबसे अधिक बुद्धिमान
(4) बलवान = अधिक बलवान = सबसे अधिक बलवान
(5) उच्च = उच्चतर = उच्चतम
(6) कठोर = कठोरतर = कठोरतम
(7) गुरु = गुरुतर = गुरुतम
(8) महान = महानतर,महत्तर = महानतम,महत्तम
(9) न्यून = न्यूनतर = न्यनूतम
(10) लघु = लघुतर = लघुतम
(11) तीव्र = तीव्रतर = तीव्रतम
(12) विशाल = विशालतर = विशालतम
(13) उत्कृष्ट = उत्कृष्टर = उत्कृटतम
(14) सुंदर = सुंदरतर = सुंदरतम
(15) मधुर = मधुरतर = मधुतरतम
(16) अधिक = अधिकतर = अधिकतम
(17) वृहत् = वृहत्तर = वृहत्तम
(18) कोमल = कोमलतर = कोमलतम
(19) प्रिय = प्रियतर = प्रियतम
(20) निम्न = निम्नतर = निम्नतम
(21) शुभ्र = शुभ्रतर = शुभ्रतम
(22) निकृष्ट = निकृष्टतर = निकृष्टतम
(23) प्रिय = प्रियतर = प्रियतम
(24) महत् = महत्तर = महत्तम

(8) संबंधवाचक विशेषण

जब विशेषण शब्दो प्रयोग करके किसी एक वस्तु या व्यक्ति का संबंध दूसरी वस्तु या व्यक्ति के साथ बताया जाए, तो वह संबंधवाचक विशेषण कहलाता है।

इस तरह के विशेषण क्रिया, क्रिया-विशेषण आदि से बनते हैं।

जैसे : दयामय, अंदरूनी, भीतरी, बाहरी, लगना, देखना, भूलना, बेचना, आपसी, ऐसा, वैसा आदि

उदहारण

1) सड़क दुर्घटना में मोहन को अंदरूनी चोट लगी है।
2) इस गाँव में बाहरी व्यक्तियों को आने की इजाज़त नहीं है।
3) प्रभु बड़े ही दयामय हैं।
4) एक्स-रे द्वारा भीतरी रोगों का पता चल सकता है।
5) नेहा को इंदरधनुष देखना बहुत पसंद है।
6) हमे अपना गृह कार्य करना नहीं भूलना चाहिए।
7) श्याम के पिताजी आज फल बेचने नहीं गए।
8) ऐसा नृत्य करना की सब देखते रह जाए।
9) बच्चों का पढ़ाई में मन ज़रूर लगना चाहिए।
10) दोनों ने वैसा ही किया और घर लौट गए।

Filed Under: व्याकरण, हिन्दी

About Mrs Shilpi Nagpal

Author of this website, Mrs Shilpi Nagpal is MSc (Hons, Chemistry) and BSc (Hons, Chemistry) from Delhi University, B.Ed (I. P. University) and has many years of experience in teaching. She has started this educational website with the mindset of spreading Free Education to everyone.

Reader Interactions

Comments

  1. Vishamber says

    October 9, 2020 at 4:16 pm

    I like this and thanks .

    Reply
  2. Ryan Rinu Abraham says

    November 22, 2020 at 10:28 pm

    everything i needed to learn for my hindi exam from top to bottom

    Reply

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