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वचन

Last Updated on January 29, 2021 By Mrs Shilpi Nagpal Leave a Comment

Contents

  • 1 वचन
    • 1.1 वचन के दो भेद होते हैै –
      • 1.1.1 (1) एकवचन
      • 1.1.2 (2) बहुवचन
    • 1.2 एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम 
    • 1.3 एकवचन और बहुवचन शब्दों के मिश्रित उदाहरण (वचन बदलो)

वचन

शब्द के जिस रूप से एक या एक से अधिक का बोध होता है, उसे हिन्दी व्याकरण में ‘वचन‘ कहते है।

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते है।

वचन के दो भेद होते हैै –

(1) एकवचन

शब्द के जिस रूप से एक ही वस्तु का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं।

जैसे – जैसे-लड़का, गाय, सिपाही, बच्चा, कपड़ा, माता, माला, पुस्तक, स्त्री, टोपी बंदर, मोर आदि।

(2) बहुवचन

शब्द के जिस रूप से अनेकता का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं।

जैसे – लड़के, गायें, कपड़े, टोपियाँ, मालाएँ, माताएँ, पुस्तकें, वधुएँ, गुरुजन, रोटियाँ, स्त्रियाँ, लताएँ, बेटे आदि।

एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम 

(1) अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए अन्त के ‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ लगा देते हैं।

जूता – जूते
तारा – तारे
लड़का – लड़के
घोड़ा -घोड़े
बेटा  – बेटे
मुर्गा – मुर्गे
कपड़ा – कपड़े
कमरा – कमरे

कपड़ा – कपड़े
कुत्ता – कुत्ते

(2) अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों को  बहुवचन बनाने के लिए अन्त के ‘अ’ के स्थान पर ‘ऐ’ कर देते हैं। 

कलम – कलमें
बात – बातें
रात – रातें
आँख – आखें
पुस्तक – पुस्तकें
गाय – गायें

(3) जिन स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त में ‘या’ आता है, उनमें ‘या’ के ऊपर चन्द्रबिन्दु लगाने से बहुवचन बनता है।

बिंदिया – बिंदियाँ
चिडिया – चिडियाँ
डिबिया – डिबियाँ
गुडिया – गुडियाँ
चुहिया – चुहियाँ
बुढ़िया – बुढ़ियाँ
डिबिया – डिबियाँ

(4) ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के ‘इ’ या ‘ई’ के स्थान पर ‘इयाँ’ लगाने से बहुवचन बनता है।

तिथि – तिथियाँ
नारी – नारियाँ
गति – गतियाँ
थाली – थालियाँ
नदी – नदियाँ
सखी – सखियाँ
लड़की – लड़कियाँ

(5) अकारान्त, उकारान्त और औकारान्त स्त्रीलिंग एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए भी अन्त में ‘एँ’ लगा देते हैं।

लता – लताएँ
अध्यापिका – अध्यापिकाएँ
कन्या – कन्याएँ
भुजा – भुजाएँ

पत्रिका – पत्रिकाएँ
शाखा – शाखाएँ
कामना – कामनाए
कथा – कथाएँ
माला – मालाएँ

माता – माताएँ
दवा – दवाएँ
वस्तु – वस्तुएँ

(6) इकारांत स्त्रीलिंग शब्दों में ‘याँ’ लगाने से बहुवचन बनता है।

जाति – जातियाँ
रीति – रीतियाँ
नदी – नदियाँ
लड़की – लड़कियाँ
शक्ति – शक्तियाँ

राशि – राशियाँ
रीति – रीतियाँ
तिथि – तिथियाँ

(7) उकारान्त व ऊकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘एँ’ लगाते है। ‘ऊ’ को ‘उ’ में बदल देते है –

लू – लुएँ
जू – जुएँ
बहू – बहुएँ
वस्तु – वस्तुएँ

गौ – गौएँ
बहु – बहुएँ
वधू – वधुएँ
गऊ – गउएँ

(8) संज्ञा के पुंलिंग अथवा स्त्रीलिंग रूपों में ‘गण’ ‘वर्ग’ ‘जन’ ‘लोग’ ‘वृन्द’ ‘दल’ आदि शब्द जोड़कर भी शब्दों का बहुवचन बना देते हैं।

स्त्री – स्त्रीजन
नारी – नारीवृन्द
अधिकारी – अधिकारीवर्ग
पाठक – पाठकगण
विद्यार्थी – विद्यार्थीगण

आप – आपलोग
श्रोता – श्रोताजन
मित्र – मित्रवर्ग
सेना – सेनादल
गुरु – गुरुजन
गरीब – गरीब लोग
व्यापारी – व्यापारीगण

मित्र – मित्रवर्ग
सुधी – सुधिजन
साधु – साधुलोग

बालक – बालकगण
अध्यापक – अध्यापकवृन्द

(9) कुछ शब्द दोनों वचनों में एक जैसे रहते है।

पिता – पिता
योद्धा – योद्धा
चाचा – चाचा
मित्र – मित्र
फल – फल
बाज़ार – बाज़ार
अध्यापक – अध्यापक
फूल – फूल
छात्र – छात्र
दादा – दादा
राजा – राजा
विद्यार्थी – विद्यार्थी

एकवचन और बहुवचन शब्दों के मिश्रित उदाहरण (वचन बदलो)

एकवचन  बहुवचन 
मेला मेले
आँख ऑंखें
बच्चा बच्चे
पत्ता पत्ते
गाय गायें
किताब किताबें
चादर चादरें
दीवार दीवारें
बात बातें
रात रातें
कक्षा कक्षाएँ
लता लताएँ
पुस्तक पुस्तकें
चिमटा चिमटे
नदी नदियाँ
चिड़िया चिड़ियाँ
दवाई दवाइयाँ
सहेली सहेलियाँ
हड्डी हड्डियाँ
जाति जातियाँ
कहानी कहानियाँ
सेना सेनाएँ
बेटा बेटे
कमरा कमरें
फोड़ा फोड़े
रोड़ा रोड़े
मुर्गा मुर्गे
चूज़ा चूज़े
रानी रानियाँ
रस्सी रस्सियाँ
घड़ी घड़ियाँ
छुट्टी छुट्टियाँ
घोंसला घोंसले
कली कलियाँ
साथी साथियाँ
दाना दाने
झील झीलें
टोपी टोपियाँ
राशि राशियाँ
बालिका बालिकाएँ
चप्पल चप्पलें
नारी नारियाँ
कामना कामनाएँ
वृद्ध वृद्धजन
श्रोता श्रोतागण
दर्शक दर्शकगण
केला केले
चश्मा चश्मे
पपीता पपीते
पौधा पौधे
भैंस भैंसे
सड़क सड़कें
लहर लहरें
सभा सभाएँ
युवा युवावर्ग
कर्मचारी कर्मचारीगण
सब्जी सब्जियाँ
बर्फी बर्फियाँ
बंदरिया बन्दरियाँ
कुतिया कुतियाँ
गाथा गाथाएँ
मटका मटके
पेंसिल पेंसिलें
ऋतु ऋतुएँ
जुराब जुराबें
जूँ  जुएँ

Filed Under: व्याकरण, हिन्दी

About Mrs Shilpi Nagpal

Author of this website, Mrs Shilpi Nagpal is MSc (Hons, Chemistry) and BSc (Hons, Chemistry) from Delhi University, B.Ed (I. P. University) and has many years of experience in teaching. She has started this educational website with the mindset of spreading Free Education to everyone.

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