है और हैं दोनों अलग अलग शब्द हैं परन्तु दोनों को देखने पर काफी समानता प्रतीत होते हैं क्योंकि दोनों में अंतर बहुत मामूली होता है, इसलिए अक्सर हम लोग दोनों में अंतर को समझ नहीं पाते हैं। आइये सरल भाषा में है और हैं के भेद को जानें।
है (hai) का प्रयोग
‘है’ एकवचन में प्रयोग किया जाता है। है (Hai) का प्रयोग हम मुख्य रूप से वाक्य के अंत में करते हैं। एकवचन (कर्ता) के साथ बिंदु (अनुस्वार) रहित ‘है’ का प्रयोग होता है। ‘है’ किसी एक व्यक्ति द्वारा वर्तमान में हो रहे कार्य को दर्शाता है या किसी एक व्यक्ति की स्थिति या उसकी संख्या आदि को भी दर्शाता है।
जैसे – सुरेश घर जाता है, वह नौकरी करता है, राजू घर पर अकेला है।
हैं (Hain) का प्रयोग
‘हैं’ बहुवचन में प्रयोग किया जाता है तथा आदर सूचक होता है। बहुवचन (कर्ता) के साथ अनुस्वार सहित ‘हैं’ का प्रयोग होता है ।
जैसे – वे जाते हैं, लोग पार्क में सैर करते हैं, लाल किले को देखने बहुत लोग आते हैं।
इसके आलावा हम कुछ अन्य प्रकार के वाक्य देखते हैं :-
आज मेरे पिताजी बम्बई जा रहे हैं।
अध्यापिका जी कक्षा में पढ़ा रही हैं।
इन वाक्यों को देखने पर ज्ञात होता है कि यद्यपि इन दोनों ही वाक्यों में कर्त्ता एकवचन है परन्तु दोनों में ही क्रिया में ‘हैं’ का प्रयोग हुआ है। इसका कारण यह है कि सम्मान जनक व्यक्तियों अर्थात जिनका भी आदर किया जाता है, उनके साथ भी बहुवचन के ही समान (same as plural) अनुस्वार युक्त ‘हैं’ का प्रयोग होता है।
है और हैं में अंतर
- है एकवचन (singular) के लिए प्रयोग होता है और हैं बहुवचन (plural) के लिए प्रयोग होता है।
- है में ै की मात्रा के पास कोई बिंदु (अनुस्वार) नहीं होता है जबकि हैं में ै की मात्रा के पास एक बिंदु (अनुस्वार) होता है।
- है उस स्थान पर प्रयोग होता है जहाँ अंग्रेजी में is या has का प्रयोग होता है और हैं उस स्थान पर प्रयोग होता है जहाँ अंग्रेजी में are या have का प्रयोग होता है। इसके अलावा सम्मान जनक व्यक्तियों के साथ भी हैं का प्रयोग होता है।