पाठ की रूपरेखा प्रस्तुत कविता अतीत की स्मृतियाँ को भूलकर वर्तमान का सामना कर भविष्य का वरण करने का संदेश देती है। हमारे जीवन में सुख और दु:ख दोनों की उपस्थिति रहती है। अतीत की दुःखद स्मृतियों में ही खोए रहना ही जीवन जीने का कोई उचित विकल्प नहीं है। वर्तमान को अपने अनुकूल बनाने की चेष्टा करना ही मनुष्य का परम कर्त्तव्य है। मनुष्य जितना यश, ऐश्वर्य, धन, सम्मान आदि को पाने … [Read more...] about छाया मत छूना – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 7 Class 10 Hindi
Kshitij
उत्साह और अट नहीं रही – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 4 Class 10 Hindi
पाठ की रूपरेखा सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ने 'उत्साह' कविता के अंतर्गत बादलों को एक ओर तो लोगों की आकांक्षा (इच्छाओं) को पूरा करने बाला बताया है तथा दूसरी ओर उन्हें विध्वंस (ध्वस्त, नष्ट ), बिप्लब (विद्रोह) और क्रांति चेतना के प्रतीक के रूप में बताया है। कवि 'निराला' इस कविता के माध्यम से सामाजिक क्रांति और बदलाव लाना चाहते हैं। यह कविता एक आह्वान गीत है। 'अट नहीं रही है' … [Read more...] about उत्साह और अट नहीं रही – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 4 Class 10 Hindi
यह दंतुरित मुसकान और फसल – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 6 Class 10 Hindi
पाठ की रूपरेखा 'यह दंतुरित मुसकान' कविता के अंतर्गत कवि मे एक छोटे बालक की मुसकान का वर्णन किया है। बालक की मुसकान को अमूल्य माना गया है। बालक की मनोहारी मुसकान को देखकर उदासीन व्यक्ति के जीवन में भी रस भर जाता है साथ ही, कवि ने वात्सल्य भाव की भी अभिव्यक्ति कविता में की है। बच्चे की कोमल दंतुरित मुसकान कठोर-से-कठोर हृदय को भी पिघला देती है। 'फसल' कविता में कवि ने अनेक … [Read more...] about यह दंतुरित मुसकान और फसल – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 6 Class 10 Hindi
आत्मकथ्य – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 4 Class 10 Hindi
पाठ की रूपरेखा मुंशी प्रेमचंद के संपादन में निकलने वाली तत्कालीन पत्रिका हंस के आत्मकथा विशेषांक हेतु सुप्रसिद्ध छायावादी कवि जयशंकर प्रसाद से भी आत्मकथा लिखने के लिए कहा गया। लोगों के कहने पर भी वे आत्मकथा लिखना नहीं चाहते थे, क्योंकि उन्हें अपने जीवन में ऐसा कुछ विशेष नज़र नहीं आता था, जिसे वे दूसरों के सामने रख सकें। इसी असहमति के तर्क (विचार) से पैदा हुई कविता है … [Read more...] about आत्मकथ्य – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 4 Class 10 Hindi
सवैया और कवित्त – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 3 Class 10 Hindi
पाठ की रूपरेखा देव द्वारा रचित प्रथम सवैये में श्रीकृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन किया गया है, जो सामंती प्रवृत्ति का है तथा 'कवित्त' के अंतर्गत प्रथम कवित्त में वसंत ऋतु को बालक के रूप में दर्शाकर प्रकृति के साथ उसका संबंध स्थापित किया गया है। दूसरे कवित्त में शरदकालीन पूर्णिमा की कांति को अनेक उपमानों के माध्यम से वर्णित किया गया है। शब्दों की आवृत्ति के द्वारा नया … [Read more...] about सवैया और कवित्त – पठन सामग्री और भावार्थ Chapter 3 Class 10 Hindi