क्षितिज – काव्य खंड – संगतकार – मंगलेश डबराल
पेज नम्बर : 55
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
उत्तर – संगतकार के माध्यम से कवि मुख्य गायक के साथ गायन देने वाले या वाद्य यंत्र बजाने वाले कलाकार जैसे व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है क्योंकि ये हर दशा में या हर स्थिति में मुख्य गायक के सहायक होते हैं। ये उसकी सफलता में पूरा योगदान देते हैं, पर उनका नाम कहीं नहीं होता। ये सहायक कलाकार कार्य का श्रेय स्वयं न लेकर मुख्य कलाकार को देकर गुमनामी की जिंदगी जीते हैं।
प्रश्न 2 . संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?
उत्तर – संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अतिरिक्त निम्नलिखित क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं :-
(i) धार्मिक क्षेत्र में – जाने माने संतों, महात्माओं के साथ सहयोग देने वाले संगतकार देखें जा सकते हैं, जो उनके पहुँचने से पूर्व उनकी महिमा गाते हैं।
(ii) राजनीति के क्षेत्र में – प्रसिद्ध नेताओं के इर्द गिर्द उपनेता तथा अन्य लोग रहते है जो उनके प्रभाव को बढ़ाने का कार्य करते हैं; जैसे भाषण से पहले भीड़ जुटाना, चुनाव प्रचार करने में भूमिका निभाना आदि कार्य करके ये नेता जी के लिए बाज़ी जीतना आसान करते हैं।
(iii) सिनेमा जगत में – मुख्य नायक नायिका के साथ सहायक पात्रों के रूप में अभिनय करके फ़िल्म को गति प्रदान करते हैं।
(iv) अन्य क्षेत्रों में – चित्रकला, मूर्ति निर्माण, भवन निर्माण आदि अनेकानेक क्षेत्रों में मुख्य कलाकार का साथ संगतकार देता है।
प्रश्न 3 . संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?
उत्तर – वे अपनी सुंदर आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज में मिलाकर उसे बल प्रदान करते हैं। गाते समय जब मुख्य गायक अपने ही अंतरे की कठिन तानों में या अपने ही संगीत की गहराइयों में खो जाता है, तो ऐसे समय में संगतकार ही गीत के स्थायी भाव को सँभालते हैं। जब मुख्य गायक का तारसप्तक में गाते गाते गला बैठने लगता है, तब भी संगतकार ही स्वर को सँभालते हैं। वे उसे अकेला नहीं पड़ने देते। अपने स्वर से मौजूदगी का अहसास करवाते हैं।
प्रश्न 4 . भाव स्पष्ट कीजिए
और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
उत्तर – संगतकार की आवाज़ में एक झिझक साफ़ महसूस की जा सकती है। वह लगातार यह भी कोशिश करता है कि उसका स्वर मुख्य गायक के स्वर से कहीं ऊँचा न हो जाए, परंतु यह उसकी असफलता नहीं है, न ही कमज़ोरी और न ही हीनता, अपितु यह तो उसकी मनुष्यता है, जिसके पीछे यही भावना छिपी रहती है कि दूसरे को हीन दिखाकर या दबाकर अपनी महानता प्रदर्शित करना मनुष्यता नहीं है। उसकी स्थिति या उसके स्वार्थहीन साथ का इसी दृष्टि से मूल्यांकन करना चाहिए। मुख्य गायक का प्रभाव बढ़ाने के लिए ही वह ऐसा करता है, जिससे उसके मानवतावादी विचारों का बोध होता है।
प्रश्न 5 . किसी भी क्षेत्र में प्रसिदृधि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर – मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह कितना ही गुणी, प्रतिभाशाली तथा बुद्धिमान हो, फिर भी वह अकेला सफल नहीं हो सकता । अपने साथियों की मदद से ही उसे सफलता मिलती है। उदाहरण के लिए सफल गायक सोनू निगम तभी सफल हो सके, जब उनके साथ गीतकार, वाद्य-यंत्रों को बजाने वाले तथा संगीत निर्देशक का सहयोग मिला। मधुर संगीत देकर वे ही उनका मार्गदर्शन करते हैं। कोई भी गीत गाने वाला तभी सफल होता है, जब गीत के बोल तथा संगीत कर्णप्रिय हो।
प्रश्न 6. कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है। उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए। “
उत्तर – तारसप्तक की ऊँचाइयों पर पहुँचकर जब मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है, तब संगतकार अपने स्वर से उसके बिखरते स्वर को सहारा देकर उसे ढॉढ़स बैंधाता है कि वह अकेला नहीं है। वह स्वयं भी अनेक बार राग गाकर तारसप्तक की इन ऊँचाइयों को छू चुका है। अब वह फिर से ऐसा कर सकता है। यह सहारा देकर वह उसके सुर में सुर मिलाकर उसके डूबते आत्मविश्वास को बचाता है और उसका सच्चा मित्र और सहायक सिद्ध होता है।
प्रश्न 7. सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाते हैं तब उसे सहयोगी किस तरह संँभालते हैं?
उत्तर – सहयोगी पूरी सहानुभूति और प्रेम से सहारा देते हैं। वे सदा उसके साथ रहकर उसकी योग्यताओं की चर्चा करके उसके मन में उत्साह का संचार करते हैं। उसे निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। वे उसके आत्मविश्वास को टूटने नहीं देते। उसके मनोबल को ऊँचा उठाने के लिए सभी प्रकार के प्रयास करते हैं। अपनी ओर से हर प्रकार की सहायता प्रदान करते हैं और ऐसा करके यह जता देते हैं कि वह नहीं है।
रचना और अभिव्यक्ति
8. कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाएँ –
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का कर्णन कीजिए ।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?
उत्तर – जब हमें किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है, लेकिन हमारे सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाएँ तो –
(क) मेरी स्थिति एकदम हैरान परेशान होने वाली होगी। पहले तो समझ में नहीं आएगा कि क्या करूँ। बार-बार फ़ोन करके उनसे संपर्क करने की कोशिश करूँगा। उनकी मुसीबत या कारण को सुन थैर्य धारण कर स्थिति से निबटने का उपाय सोचूँगा।
(ख) ऐसी परिस्थिति में मैं सभा को संबोधित कर असलियत बता दूँगा। क्षमा-याचना करता हुआ उनसे थोड़े समय की माँग करूँगा। सभा बोर न हो जाए इसलिए उनके मनोरंजन हेतु उन्हीं में से किसी को आमंत्रित कर कोई भी गीत या कविता सुनाने के लिए कहूँगा।
9. आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंध के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर – सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वालों में अनेक सहयोगी होते हैं। कई दिन पहले ही नृत्य तथा संगीत के अध्यापक/अध्यापिका विद्यार्थियों को सिखाना शुरू कर देते हैं। मंच के संचालक घोषणा के बारे में तैयारी शुरू कर देते हैं। संगीत तथा प्रकाश व्यवस्था वाले भी कार्यक्रम को देखते हैं तथा प्रबंध करते हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों की वेशभूषा भी पहले ही तैयार की जाती है। पुरस्कार तथा प्रमाण पत्र भी पहले ही तैयार कर लिए जाते हैं। अनुशासन बनाए रखने वाले तथा सजावट करने वाले आदि अनेक लोगों के सहयोग से ही कार्यक्रम सफल होता है।
10. किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?
उत्तर – किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर नहीं पहुँच पाते। इसके कई कारण हो सकते हैं –
(i) उनको कभी ऐसा अवसर नहीं मिला होगा कि वे अपना हुनर स्वतंत्र रूप से दिखा सकें।
(ii) वे दूसरों को ही सफल बनाने में लगे रहे।
(iii) कुछ लोगों को उच्च स्थान पर पहुँचने की अभिलाषा नहीं होती।
(iv) उनकी आर्थिक स्थिति इतनी सुदृढ़ नहीं होती कि वे अपना एक स्वतंत्र समूह बना सकें। स्वयं के विज्ञापन नहीं दे सकते। उन्हें स्वयं को स्थापित करने का न अवसर मिलता है न साधन।
(v) आम तौर पर जनता मुख्य गायक या कलाकार को ही सुनती, देखती और सराहती है उसके सहयोगी गायक-गायिकाओं, वाद्ययंत्र बजाने वाले कलाकारों पर उनका ध्यान ही नहीं जाता, जिससे उनकी प्रतिभा उभर नहीं पाती। मुख्य कलाकार भी उन्हें उभारने में कोई रुचि नहीं लेते।
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