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Home » NCERT Solutions » Class 10 » हिन्दी » NCERT Solutions for Class 10 हिन्दी – क्षितिज – Chapter 17 – संस्कृति

NCERT Solutions for Class 10 हिन्दी – क्षितिज – Chapter 17 – संस्कृति

Last Updated on February 16, 2023 By Mrs Shilpi Nagpal

क्षितिज – गद्य खंड – संस्कृति – भदंत आनंद कौसल्यायन

पेज नम्बर : 130

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न 1. लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता” और “संस्कृति” की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?

उत्तर – संकीर्ण मनोवृत्ति के कारण हम अपने व्यक्तिगत जातिगत एवं धार्मिक हितों को सर्वोपरि मानकर उनकी रक्षा में जुट जाते हैं और उन्हें ही सभ्यता और संस्कृति मान बैठते हैं। इस कारण हम इन शब्दों का सही अर्थ समझ ही नहीं पाते। संसार परिवर्तनशील है। समय के साथ हर चीज बदलती है, तो संस्कृति और सभ्यता को भी पकड़ कर नहीं बैठा जा सकता। रूप बदलने के कारण इन्हें समझने में कठिनाई आती है। इन शब्दों के आगे ‘भौतिक’ और “आध्यात्मिक जुड़ जाने से इनकी अर्थगत जटिलता बढ़ जाती है, अतः अर्थ समझने में कठिनाई आती है।

प्रश्न 2 . आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे?

उत्तर – मानव की अनेकानेक महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति आग द्वारा संभव होने के कारण इसे एक बड़ी खोज माना जाता है। आग से भोजन पकाने, ऊर्जा पैदा करके मशीनें चलाने जैसे कार्य होते हैं। सांस्कृतिक तथा धार्मिक अनुष्ठानों में दीपक जलाना, आग के प्रति सम्मान रखना ही है। एक समय ऐसा भी था, जब मानव का अग्नि देवता से साक्षात्कार नहीं हुआ था। आज हर घर में चूल्हा जलता है। वह आदमी कितना बड़ा आविष्कारक रहा होगा, जिसने सबसे पहले आग का आविष्कार किया होगा। इस खोज के पीछे प्रेरणा का मुख्य स्रोत पेट की आग रही होगी। इसके साथ ही अंधकार में प्रकाश पाने, शीत में गरमी पाने की प्रेरणा भी आग की खोज के पीछे रही होगी।

प्रश्न 3 . वास्तविक अर्थों में “संस्कृत व्यक्ति” किसे कहा जा सकता है?

उत्तर – वास्तविक अर्थों में “संस्कृत व्यक्ति” उसे कहा जा सकता है, जो किसी नई चीज़ की खोज करता है, किंतु उसकी संतान को वह अपने पूर्वज से आसानी से प्राप्त हो जाती है। जिस व्यक्ति की बुद्धि ने या उसके विवेक ने किसी भी नए तथ्य का दर्शन किया, वह व्यक्ति ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है। उदाहरणतया – न्यूटन संस्कृत मनुष्य है क्योंकि उसने अपनी बुद्धि के बल पर गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत खोजा।

प्रश्न 4 . न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन-से तर्क दिए गए हैं?  न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?

उत्तर – न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार किया इसलिए वह संस्कृत मानव था। वर्तमान युग में भौतिक विज्ञान का विद्यार्थी न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण से तो परिचित है ही, साथ ही उसे अन्य बातों का भी ज्ञान प्राप्त है, जिनसे शायद न्यूटन अपरिचित ही थे। ऐसा होने पर आज के भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को न्यूटन की अपेक्षा अधिक सभ्य तो कह सकते हैं, पर न्यूटन जितना संस्कृत नहीं कह सकते क्योंकि उन्होंने अपनी योग्यता, प्रवृत्ति तथा प्रेरणा के बल पर नए तस्यों को नहीं खोजा उन्होंने तो संस्कृत व्यक्ति न्यूटन दवारा आविष्कृत सिद्धांत को जाना भर है।

प्रश्न 5. किन महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा?

उत्तर – सुई धागे का आविष्कार दो महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हुआ होगा
(1) ठंड और गरमी से बचने के लिए।
(2) शरीर को सजाने की प्रवृत्ति के कारण।

प्रश्न 6 . “मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है।” किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब
(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गईं।
(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।

उत्तर – मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है –

(क) कई बार ऐसा हुआ, जब मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टा की गई। जब देश स्वतंत्र हुआ, तब हिंदू-मुस्लिम एकता को विभाजित किया गया। दोनों एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन बन गए। धर्म का सहारा लेकर उन्हें विभाजित कर दिया गया।

(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया –

– रूस का भाग्य विधाता लेनिन अपनी डैस्क पर रखे हुए डबलरोटी के टुकड़े स्वयं न खाकर दूसरों को खिला दिया करता था।
– संसार के मजदूरों को सुखी देखने का स्वप्न देखते हुए, कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुख में बिता दिया।
– आज से ढाई हज़ार वर्ष पूर्व सिद्धार्थ ने अपना घर इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह लोभ में जकड़ी मानवता सुख से रह सके।

प्रश्न 7. आशय स्पष्ट कीजिए

(क) भानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति?

उत्तर – मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी असंस्कृति कहेंगे, जब संस्कृति में कल्याण का भाव नहीं रहेगा, तब उसका परिणाम असभ्यता में ही निकलेगा।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 8. लेखक ने अपने  दृष्टिकोण  से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या सोचते हैं, लिखिए।

उत्तर – लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति के बारे में बताया कि संस्कृति मानव से किसी नई वस्तु का आविष्कार कराती है तथा मानव में सर्वस्व त्याग का भाव उत्पन्न कराती है। इसी संस्कृति का परिणाम सभ्यता है। मेरे विचार से मन के शुद्ध भाव संस्कृति हैं। इनमें मानवीय मूल्यों, जैसे-परोपकार, सहिष्णुता, दया, करुणा तथा थैर्य का समावेश होता है। हमारे रहन सहन, खान-पान एवं वेशभूषा का परिचय सभ्यता के द्वारा मिलता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि संस्कृति आंतरिक वस्तु है, जबकि सभ्यता बाहरी।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 9. निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए-गलत-सलत, आत्म-विनाश, महामानव, पददलित, हिंदू-मुस्लिम, यथोचित, सप्तर्षि, सुलोचना।

उत्तर – गलत और सलत – द्वंद्व समास
आत्मा का विनाश – तत्पुरुष समास
महान है जो मानव – कर्मधारय समास
चद से दलित – तत्पुरुष समास
हिंदू और मुस्लिम –  द्वंद्व समास
जितना उचित हो – अव्ययीभाव समास
सात ऋषियों का समूह – द्विगु समास
सुंदर हैं लोचन जिसके अर्थात मेघनाद की पत्नी सुलोचना – बहुव्रीहि समास
अथवा
सुंदर हैं लोचन जिसके – कर्मधारय समास

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Filed Under: Class 10, NCERT Solutions, हिन्दी

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