क्षितिज – काव्य खंड – आत्मकथ्य – जयशंकर प्रसाद
पेज नम्बर : 29 प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1. कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?
उत्तर – कवि निम्नलिखित कारणों से आत्मकथा लिखने से बचना चाहता है : –
(4) कवि की व्यथाएँ थककर सो चुकी हैं। कवि आत्मकथा द्वारा उन्हें पुनः जगाना नहीं चाहता।
प्रश्न 2. आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है?
उत्तर – ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि कवि को लगता है कि उसने जीवन में अब तक कोई ऐसी उपलब्धि नहीं हासिल की है जो दूसरों को बताने योग्य हो तथा उसकी दुख और पीड़ा इस समय शांत है अर्थात् वह उन्हें किसी सीमा तक भूल गया है और इस समय उन्हें याद करके दुखी नहीं होना चाहता है। कवि को लगता है कि अभी उचित समय नहीं आया कि वह अपनी आत्मकथा कहे। साथ ही साथ लोगों को भी उसमें कुछ आनंद प्राप्त नहीं होगा।
प्रश्न 3. स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का क्या आशय है?
उत्तर – कवि के निराश जीवन में आज न तो कोई सुख है, न आशा। केवल अतीत की मधुर यादें तथा प्रियतमा के संग बिताए क्षणों की स्मृतियाँ उसके जीवन-यात्रा के लिए अवलंब बन गई हैं। इन्हीं सुखद स्मृतियों के सहारे शेष जीवन काटा जा सकता है। थके हुए यात्री के पाथेय (भोजन-सामग्री व जल आदि) के समान ये यादें उसके जीवन का आधार हो गई हैं।
प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए-
उत्तर – (क) कवि ने अपने जीवन में प्रेम से भरे, जो मधुर सुख की कल्पना की थी, वह उसे कभी प्राप्त नहीं हुआ। वह प्रेमिका के संग प्रेमपूर्ण जीवन बिताने के स्वप्न लेता, किंतु उसके पूरा होने से पूर्व ही वह जाग जाता। उसे लगा वह प्रेमपाश में प्रेमिका को बाँध ही लेगा, किंतु वह करीब आकर भी मुस्कुरा कर दूर चली जाती। कहने का अभिप्राय यह है कि कवि को जीवन में दांपत्य सुख नहीं मिला।
(ख) कवि की प्रेयसी अनुपम सौंदर्य की स्वामिनी है। उसके गाल इतने लालिमा युक्त और मतवाले हैं कि प्रेममयी उषा भी उसी से लाली ग्रहण करती है। कहने का अभिप्राय है कि कवि की प्रेयसी का सौंदर्य उषा की सुंदरता से भी बढ़कर है।
उत्तर – कवि के जीवन में ऐसे सुखद क्षण भी आए थे, जब उसके जीवन में सुख की चाँदनी बिखरी थी। वह उन्मुक्त हँसी हँसता था, अपने मन की बात खुलकर कहता था। कवि उन मादक क्षणों, चाँदनी रातों का, मुक्त कंठ के हास-परिहास का तथा प्रेम भरी अनुभूतियों का वर्णन कैसे करे, क्योंकि वे सुख के क्षण अल्पजीवी व निजी थे। आत्मकथा लिखकर इस कहानी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। यह कवि की निजी अनुभूतियाँ हैं, अतः इनकी गोपनीयता बनी ही रहनी चाहिए।
प्रश्न 6. ‘आत्मकथ्य’ कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर – कविता की भाषा की विशेषताएँ-
उत्तर – कवि अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहता है कि जिस सुख का सपना देखते-देखते उनकी आँखें खुल गई, वे उसे प्राप्त न कर सके। जिससे मिलने, जिसे पाने की कामना और कल्पना करते रहे, वह उनके आलिंगन में आते-आते रह गया, अर्थात् उनका वह सुख का सपना टूट गया, वह साकार न हो सका। कवि अपनी प्रेयसी की सुंदरता को याद कर कह उठते हैं कि वह बहुत सुंदर थी। उसके लालिमायुक्त कपोलों की सुंदरता के आगे प्रातःकाल के सूर्योदय की लाली भी लज्जित हो जाती थी।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 8. इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – उत्तर कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्तित्व की निम्नलिखित झलक मिलती है : –
प्रश्न 9. आप किन व्यक्तियों की आत्मकथा पढ़ना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर – हम इन सभी महान व्यक्तियों की आत्मकथा पढ़ना चाहेंगे जैसे-डॉ० राजेंद्र प्रसाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, राणा प्रताप, भगत सिंह तथा स्वामी विवेकानंद। इन महान व्यक्तियों की आत्मकथा से हमें प्रेरणा मिलेगी तथा हम अच्छे नागरिक बन सकेंगे।
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