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Home » हिन्दी » ऋतुओं के नाम

ऋतुओं के नाम

Last Updated on September 18, 2022 By Mrs Shilpi Nagpal

Contents

  • 1 ऋतुओं के नाम | ऋतु के नाम
    • 1.1 1. वसंत ऋतु
    • 1.2 2. ग्रीष्म ऋतु
    • 1.3 3. वर्षा ऋतु
    • 1.4 4. शरद ऋतु
    • 1.5 5. हेमंत ऋतु
    • 1.6 6. शीत ऋतु

ऋतुओं के नाम | ऋतु के नाम


भारत में एक साल में 6 ऋतुएँ आती है, हर ऋतु लगभग दो महीने तक चलती है। हिन्दी में ऋतुओं के नाम इस प्रकार हैं :-

हिन्दी में ऋतु का नाम Season name in English English(Greek) months हिन्दी महीने का नाम 
वसंत ऋतु Spring Season March – April चैत्र – वैशाख
ग्रीष्म ऋतु Summer Season May – June ज्येष्ठ – आषाढ़
वर्षा ऋतु Rainy Season July – August श्रवण – भाद्रपद
शरद ऋतु Autumn Season September – November अश्विना – अश्वयुज – कृतिका
हेंमत ऋतु Pre Winter Season November – December मार्गशीर्ष – पौष
शीत ऋतु Winter Season January – February माघ – फाल्गुन

सभी ऋतुओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी इस लेख में प्रदान की गई है :-

1. वसंत ऋतु

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नए साल की पहली ऋतु वसंत ऋतु है। वैसे तो सभी ऋतुओं की अपनी अपनी विशेषताएँ और महत्वता होती है परन्तु  वसंत ऋतु में न ही ज्यादा गर्मी होती है और न ही ज्यादा सर्दी होती है। इसलिए इसे सभी ‘ऋतुओं का राजा’ भी कहा जाता है। वसंत ऋतु का मौसम बहुत ही सुहावना होता है और  इस मौसम के दौरान दिन लंबा और रातें छोटी हो जाती है। इस ऋतु का प्रारम्भ माघ मास की शुल्क पक्ष की पंचमी को होता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये मार्च और अप्रैल में आती है। इस मौसम के दौरान ही भारत के मुख्य त्यौहार होली का भी आगमन होता है।

2. ग्रीष्म ऋतु

ग्रीष्म ऋतु अंग्रेजी महीने के हिसाब से अप्रैल से जून तक चलता है। जबकि ये मौसम हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वैसाख के शुक्ल पक्ष के मध्य से शुरू होता है और ज्येष्ठ आषाढ़ तक चलता है। इस मौसम की रातें बहुत छोटी है जबकि दिन लम्बे होते हैं। इस मौसम में सूर्य का प्रकाश बहुत चमकीला होता है और सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आती है, जिससे पृथ्वी की तालाब और नदियां सुख जाती है। ग्रीष्म ऋतु के मौसम में आम, लीची, अंगूर, ककड़ी, तरबूज़, ख़रबूज़ा और खीरा जैसे मज़ेदार और रसदार फल आते हैं।

3. वर्षा ऋतु

ग्रीष्म ऋतु के समाप्ती पर वर्षा ऋतु का प्रारम्भ हो जाता है या यूँ कहें कि वर्षा ऋतु के आने से ग्रीष्म ऋतु समाप्त हो जाती है। इस मौसम में वर्षा की ठंडी बूंदे तपती धरती की प्यास बुझाती है और सभी सूखे तालाब और कुओं को पानी से भर देती है। वर्षा के हो जाने से सभी को तपती गर्मी से राहत मिल जाती है। इस मौसम का समय जून से अगस्त तक होता है। हिन्दू महीने के अनुसार इस ऋतु का समय आषाढ़ से सावन तक का होता है। इस मौसम में सभी किसान वर्षा की सम्भवना को देखकर खुश हो जाते हैं और इस मौसम में धान और जूट की फसलें पकने लगती है। पूरी धरती हरी भरी सी लगती है।

4. शरद ऋतु

वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है। इस मौसम में हर दिशा में खुशहाली छाई रहती है। इस मौसम को पतझड़ ऋतु भी कहा जाता है। इस मौसम में हमें सुबह-सुबह घास पर मोतियों जैसी ओस की बूंदे देखने को मिलती है और इस मौसम में सब्जियों की भी बहुत पैदावार होती है। यह ऋतु अगस्त महिने में शुरू होती है और अक्टूबर तक चलती है। हिन्दू महीनो में इसका समय भाद्रपद से आश्विन तक होता है।

5. हेमंत ऋतु

इस ऋतु में मौसम बहुत ही सुहावना हो जाता है और इस मौसम में ठण्ड बढ़ने लग जाती है। जब ये ऋतु समाप्त होती है तो ठंड बहुत बढ़ जाती है। अर्थात् सर्दियों के पहले जो मौसम आता है उसे हेमंत ऋतु कहा जाता है। यह मौसम अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य आता है। हिन्दू महीनो में इसका समय कार्तिक से पौष तक का रहता है। इस मौसम के जाते जाते ठण्ड बहुत ही बढ़ जाती है और सर्दी का मौसम शुरू हो जाता है। ये मौसम अक्टूबर से दिसम्बर के दौरान आता है। हिन्दू महीनो में इसका समय कार्तिक से पौष तक का रहता है।

6. शीत ऋतु

इस मौसम को शिशिर ऋतु भी कहा जाता है। इस मौसम के दौरान सबसे ज्यादा सर्दी पड़ती है और कुछ पहाड़ी इलाकों पर तो बर्फ भी पड़नी शुरू हो जाती है। सभी मौसमों में से इस मौसम में ही सबसे ज्यादा ठण्ड पड़ती है। यह मौसम दिसम्बर से लेकर फरवरी तक चलता है। हिन्दू महीनो में इसका समय माघ से फाल्गुन तक होता है। ऊँचे पर्वतीय इलाकों में शीत ऋतु के दौरान कड़ाके की ठंडी पड़ती है, जिसका असर आसपास के मैदानी इलाकों में भी देखने को मिलता है।

Filed Under: हिन्दी

About Mrs Shilpi Nagpal

Author of this website, Mrs. Shilpi Nagpal is MSc (Hons, Chemistry) and BSc (Hons, Chemistry) from Delhi University, B.Ed. (I. P. University) and has many years of experience in teaching. She has started this educational website with the mindset of spreading free education to everyone.

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