‘र’ के विभिन्न रूप – हिन्दी मात्राएँ
Contents
रेफ (र्) वाले शब्द
स्वर रहित ‘र्’ को व्याकरण की भाषा में रेफ कहते हैं। रेफ का प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं किया जाता। शब्दों में इसका प्रयोग होते समय इसके उच्चारण के बाद आने वाले वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर लग जाता है।
हमें यहाँ ‘र’ और ‘ऋ’ का अंतर जानना भी बहुत ज़रूरी है, इन दोनों का अंतर इस प्रकार है :-
- ‘र’ व्यंजन वर्ण है
- ‘ऋ’ स्वर वर्ण है
- ‘ऋ’ की मात्रा ‘ृ’ है, जैसे – वृक्ष, मृग, अमृत
- ‘र’ का रूप र्म, र्क, र्य है जैसे सूर्य, गर्व, अर्क, अधर्म
- ‘ऋ’ का प्रयोग जिस किसी भी शब्द के साथ होता है, वह तत्सम (संस्कृत का शब्द) शब्द ही होता है।
ग + र् + म = गर्म ब + र् + फ = बर्फ क + र् + म = कर्म |
शर्म | अर्थ | तर्क |
कर्म | नर्म | सर्प |
पार्क | फर्क | दर्द |
शर्त | मूर्ख | सर्दी |
मिर्च | पूर्व | मिर्ची |
गर्मी | अर्पण | वर्ग |
कार्य | गर्म | धर्म |
चर्चा | मार्ग | तर्क |
खर्च | हर्ष | नर्स |
सूर्य | पर्व | फर्श |
वर्षा | पर्स | आर्या |
पर्चा | कुर्ता | मर्ज़ी |
अर्जुन | कर्ज़ | मर्ज़ |
कर्ता | दर्ज़ी | फ़र्ज़ी |
भार्या | धैर्य | तीर्थ |
चर्म | वर्ण | धूर्त |
चर्च | आर्य | पर्ण |
चर्खा | खर्चा | प्रार्थना |
विद्यार्थी | गर्जन | दुर्जन |
निर्मल | गर्दन | पर्वत |
आचार्य | निर्धन | अर्जित |
निर्झर | जुर्माना | हर्षित |
दर्शक | स्वार्थी | अर्चना |
दर्पण | व्यर्थ | उत्तीर्ण |
स्वार्थ | दर्शन | खर्चीला |
घर्षण | मूर्खता | बर्तन |
परमार्थ | आकर्षक | आकर्षण |
धनुर्धर | कर्त्तव्य | आशीर्वाद |
पदेन (र) वाले शब्द
‘^’ यह ‘र’ का नीचे पदेन वाला रूप है। ‘र’का यह रूप स्वर रहित है। यह ‘र’ का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त ‘र’ का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- द्र, प्र, म्र, क्र इत्यादि। पाई रहित व्यंजनों में नीचे पदेन का रूप ‘^’ इस तरह का होता है, जैसे – द्रव्य, क्रम , पेट्रोल, ड्राइवर
- ‘द’ और ‘ह’ में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो ‘द् + र = द्र’ और ‘ह् + र = ह्र’ हो जाता है, जैसे- दरिद्र, रुद्र, ह्रद, ह्रास इत्यादि।
- ‘त’ और ‘श’ में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो
‘त् + र = त्र’ और ‘श् + र = श्र’ हो जाता है, जैसे – नेत्र, त्रिशूल, अश्रु, श्रमिक इत्यादि।
प् + र + े + म = प्रेम उ + म् + र = उम्र प् + र + े + त = प्रेत |
विशेष टिप्पणी
- कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें दो नीचे पदेन का प्रयोग एक ही शब्द में हो सकता है, जैसे – प्रक्रम इत्यादि।
- कुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें नीचे पदेन और रेफ का प्रयोग शब्द के एक ही वर्ण में हो सकता है, जैसे – आर्द्र, प्रकार्य इत्यादि।
रुद्र | शूद्र | ट्रक |
प्रेम | प्रेत | आम्र |
ट्राम | ताम्र | ड्रामा |
भद्र | क्रम | श्रम |
छात्र | चित्र | उम्र |
भ्रम | प्रण | ग्राम |
ग्रहण | द्रव्य | भ्रमण |
राष्ट्र | प्रणाम | प्रमाण |
‘रु’ और ‘रू’ वाले सामान्य शब्द
- ‘र’ के सामान्य रूप का प्रयोग में ‘र’ शब्द के आरंभ में, मध्य में और अंत में आ सकता है।
- ‘र’ में सभी मात्राएँ लग सकती है सिवाय ‘ऋ’ और हलंत (्) के, जैसे –
र, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ
र्+उ+च्+इ = रुचि
र्+ऊ+प्+अ = रूप अ+म्+र्+ऊ+द्+अ = अमरूद र्+उ+द्+र्+अ = रुद्र |
रूचि | रुद्र | रुक |
रूखा | रूई | रूट |
रूस | रूप | रूढ़ |
गुरु | डमरू | रुपया |
रुझान | रूठना | रूँधना |
अमरूद | पुरुष | रूपक |
Very Good
Superb
This helped my son with his school work very much.
Thanks
Very nice
so Nice of you. thank you for the compete list.
Thank you
Very very thanks man
Oh thanks again I want to do very important work this helped me
Thanks for your help for my kid
thank you any Sooo much this help me in my Hindi holiday hw
Thanku so much for helping class notes, I want this, you helped me a lot.
Thanks for teaching
धन्यवाद
Thanku so much for helping class notes, I want this, you helped me a lot.
Very well explained.
It helped me with my class 4 homework
Helped me in my test , very well organized
Very helpful indeed
धन्यवाद
Very good