अनुस्वार या बिंदी (ं)
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, अनुस्वार स्वर का अनुसरण करने वाला व्यंजन है यानी कि स्वर के बाद आने वाला व्यंजन वर्ण “अनुस्वार” कहलाता है, इसके उच्चारण के समय नाक का उपयोग होता है, ऐसा आभास होता है जैसे नाक से कहा हो और उच्चारण के समय वो व्यंजन वर्ण उच्चारित होता है जो अनुस्वार या बिंदु की तरह लिखा गया हो। हिंदी वर्णमाला के पाँच वर्ग होते हैं जो इस प्रकार हैं :
क वर्ग | क , ख ,ग ,घ ,ड. |
च वर्ग | च , छ, ज ,झ , ञ |
ट वर्ग | ट , ठ , ड ,ढ, ण |
त वर्ग | त ,थ ,द , ध, न |
प वर्ग | प ,फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह |
इन वर्गों के पाँचवें वर्ण को पंचमाक्षर कहा जाता है, जो क्रमशः ड., ञ, ण, न और म हैं । शब्द में इनके स्थान पर ही अनुस्वार या बिंदु (ं) का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जड्.गल- जंगल, चञ़्चल – चंचल, डण्डा – डंडा, कन्घी – कंघी, मन्दा – मंदा
कंठ | पंख | गेंद |
तिरंगा | झंडा | पतंग |
गंदा | पंखा | घंटी |
बैंजो | शंख | डंडा |
अंग | रंग | तंग |
अंक | रंक | डंक |
दंग | भंग | अंदर |
बंदर | शंकर | जंगल |
मंगल | अंगूर | लंगूर |
संतूर | मंत्र | यंत्र |
तंत्र | बंदूक | संदूक |
गंगा | संजय | मयंक |
संगीता | बंगला | मंजुला |
चंदन | हुरदंग | संसद |
कंघी | आनंद | पंडित |
शकरकंदी | मंदिर | सुगंध |
पंखुड़ी | पिंजरा | लंबे |
कूदफांद | कलंदर | चोंच |
संतरा | संत | मंजन |
घंटी | नारंगी | खंबा |
संतोष | हंस | मनोरंजन |
पंजा | कंगन | मांसाहारी |
संदेश | लंका | पंजाब |
बंगाल | पंचायत | फिरंगी |
घंटाघर | निरंजन | पंजा |
गंगाराम | सरपंच | भंडारा |
पलंग | सुरंग | अंडा |
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Best Regards,
Vivek
Thank you
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